हनुमान ज्योतिष स्पेशल बुक । हनुमान जी की कृप्या प्रात करे पुस्तक को पड़ कर ।

 हनुमान ज्योतिष हिंदी बुक एक ज्योतिष ग्रंथ है जो हिंदी भाषा में उपलब्ध है। यह बुक ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है और इसमें विभिन्न ज्योतिष टिप्स और उपाय भी दिए गए हैं।



यह बुक हनुमान ज्योतिष के विशेषज्ञ डॉ. अनंत शर्मा द्वारा लिखी गई है। यह बुक उन लोगों के लिए उपयोगी होती है जो ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं।


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हनुमान ज्योतिष हिंदी बुक में विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई है जैसे कि जन्म कुंडली, राशि फल, नक्षत्र, मंगल दोष, ग्रहों के प्रभाव आदि। इसके अलावा इस बुक में हनुमान जी के पूजन विधान, मंत्र और जाप के उपाय भी दिए गए हैं।

यदि आप ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानना चाहते हैं और इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा विधान भी जानना चाहते हैं तो आप हनुमान ज्योतिष हिंदी बुक को एक बार जरूर पढ़ें।

प्रमोद खोत द्वारा लिखी गई "500+ Business Ideas" नामक पुस्तक ।

  प्रमोद खोत द्वारा लिखी गई "500+ Business Ideas" नामक पुस्तक एक उपयोगी संसाधन है जो नए उद्यमियों और बिजनेस लोगों को नए व्यवसाय आइडियाओं के बारे में सोचने में मदद करती है। इस पुस्तक में 500 से अधिक उद्योग आइडियाएं हैं जो आपको सोचने और शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं।



इस पुस्तक में निम्नलिखित कुछ उद्योग आइडियाएं शामिल हैं:

  1. डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी
  2. फ्रैंचाइज़ी बिजनेस
  3. ऑनलाइन विक्रेता
  4. इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट व्यापार
  5. ऑनलाइन कंसल्टेंसी सेवाएं
  6. सोलर पावर उत्पादों का व्यापार
  7. ब्रैंडिंग और मार्केटिंग कंसल्टेंस

इस पुस्तक में बताए गए बिजनेस आइडियों में विविधता है, जिसमें आप नौकरी से व्यापार तक के लिए विकल्प देख सकते हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. ऑनलाइन रिटेल विक्रेता
  2. आयुर्वेदिक उत्पादों की बिक्री
  3. फैशन ज्वेलरी बिक्री
  4. खुशबू के नमूनों की बिक्री
  5. गृह सेवा और अतिथि आवास संचालन
  6. अंग्रेजी भाषा के लिए कोचिंग सेवा
  7. ऑनलाइन संगीत विक्रेता
  8. ऑटोमोबाइल सेवा वितरण
  9. एक्सपोर्ट-इंपोर्ट व्यवसाय
  10. आइटी संबंधित सेवा






भारत का इतिहास" गिरजा शंकर प्रसाद मिश्र द्वारा लिखी गई एक पुस्तक ।

"भारत का इतिहास" गिरजा शंकर प्रसाद मिश्र द्वारा लिखी गई एक पुस्तक है जो भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं को समझाने के लिए उपयोगी है। यह पुस्तक अधिकतर भारत के इतिहास के विभिन्न अध्यायों को कवर करती है और इसमें प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत तक के इतिहास को समेटा गया है।



यह पुस्तक भारत के इतिहास के बारे में उपलब्ध जानकारी को आसानी से समझने में मदद करती है। इसमें प्राचीन समय के इतिहास, धर्म और संस्कृति, महाजनपदों का उदय और विकास, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य, दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश शासन जैसी विभिन्न अध्याय हैं।

इस पुस्तक में भारत के इतिहास के संबंध में विस्तृत जानकारी होती है और इसमें भारत के विभिन्न राज्यों, संस्कृति और धर्म के बारे में भी चर्चा की जाती है। इस पुस्तक में भारत के इतिहास के विभिन्न पहलुओं को जानने के लिए भी सुझाव दिए जाते हैं।



  

संतान सप्तमी वर्त कथा और उसकी विधि पुस्तक । Pdf file download

 



संतान सप्तमी हिंदू धर्म में मां दुर्गा के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भगवती दुर्गा की पूजा की जाती है और संतान की कामना की जाती है। यह त्योहार अनुसार भगवती दुर्गा ने अपने सात पुत्रों को जन्म दिया था, इसलिए इसे संतान सप्तमी कहा जाता है।

इस त्योहार के दिन लोग समस्त नहाने और शुद्ध होते हैं और फिर मां दुर्गा की मूर्ति को सजाकर पूजते हैं। उन्हें सुविधाजनक वस्त्र और फल-फूल देकर भगवती दुर्गा की आराधना की जाती है। संतान सप्तमी के दिन बालकों को भी विशेष तौर पर आराधना किया जाता है जिनके अभिभावक अधिक उत्साह से उन्हें सुंदर वस्त्र, खिलौने और मिठाई देते हैं।

संतान सप्तमी व्रत को मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद के लिए रखा जाता है। इस व्रत को ध्यान और श्रद्धा के साथ नियमित रूप से किया जाना चाहिए। यह व्रत नवरात्र के अंतिम दिन संतान सप्तमी के दिन मनाया जाता है।

संतान सप्तमी व्रत की विधि निम्नलिखित हैं:

संतान सप्तमी के दिन कुछ विशेष विधियां भी होती हैं। यहां कुछ विधियों का उल्लेख किया गया है:

संतान सप्तमी की पूजा सूर्योदय के समय की जानी चाहिए।

मां दुर्गा के सामने धूप जलाना चाहिए।

    1. संतान सप्तमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।

    2. भगवती दुर्गा की मूर्ति को सजाकर पूजें। पूजा में दुर्गा सप्तशती के चंडी पाठ करें।

    3. संतान सप्तमी के दिन नैवेद्य में पूर्णिमा व्रत की तरह घी, दूध, चावल और मिष्ठान जैसी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए। इसके स्थान पर फल, पुष्प और शाकाहारी आहार की वस्तुएं रखनी चाहिए।

    4. व्रत के दौरान सफेद वस्त्र का धारण करना चाहिए।

    5. व्रत के दौरान आपको संतान से संबंधित समस्याओं से दूर रहना चाहिए और आपको सकारात्मक मन से संतान सप्तमी व्रत को मानना चाहिए।










संतान सप्तमी व्रत की विधि निम्नलिखित हैं:

संतान सप्तमी के दिन कुछ विशेष विधियां भी होती हैं। यहां कुछ विधियों का उल्लेख किया गया है:

संतान सप्तमी की पूजा सूर्योदय के समय की जानी चाहिए।

मां दुर्गा के सामने धूप जलाना चाहिए।

    1. संतान सप्तमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।

    2. भगवती दुर्गा की मूर्ति को सजाकर पूजें। पूजा में दुर्गा सप्तशती के चंडी पाठ करें।

    3. संतान सप्तमी के दिन नैवेद्य में पूर्णिमा व्रत की तरह घी, दूध, चावल और मिष्ठान जैसी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए। इसके स्थान पर फल, पुष्प और शाकाहारी आहार की वस्तुएं रखनी चाहिए।

    4. व्रत के दौरान सफेद वस्त्र का धारण करना चाहिए।

    5. व्रत के दौरान आपको संतान से संबंधित समस्याओं से दूर रहना चाहिए और आपको सकारात्मक मन से संतान सप्तमी व्रत को मानना चाहिए।